भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस: भारत की राजनीति में एक नया मोड़
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC), जिसे आमतौर पर कांग्रेस पार्टी कहा जाता है, भारत की सबसे पुरानी और ऐतिहासिक राजनीतिक पार्टी है। 28 दिसंबर 1885 को स्थापित यह पार्टी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका में रही और महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल और सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेताओं ने इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन में परिवर्तित किया।
स्वतंत्रता के बाद, कांग्रेस दशकों तक भारत की प्रमुख राजनीतिक शक्ति बनी रही, लेकिन समय के साथ इसके जनाधार में बदलाव आया। आज, कांग्रेस पार्टी एक नए सिरे से अपने अस्तित्व को पुनर्जीवित करने और राजनीतिक पुनरुद्धार की दिशा में कार्यरत है।
कांग्रेस पार्टी का वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य
2024 लोकसभा चुनाव: संघर्ष और रणनीति
2024 के आम चुनाव कांग्रेस के लिए मिश्रित परिणाम लेकर आए। पार्टी ने कुछ प्रमुख राज्यों में अपनी स्थिति मजबूत की, लेकिन लोकसभा में बहुमत से कोसों दूर रही। विपक्षी गठबंधन “इंडिया ब्लॉक” में रहते हुए भी पार्टी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली, जिससे उसके नेतृत्व और रणनीति पर सवाल उठे।
हालांकि, कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र “न्याय पत्र” के माध्यम से युवा, महिलाओं, किसानों और श्रमिकों के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएँ प्रस्तुत कीं, जिनमें शामिल थे:
✅ युवाओं के लिए: 25 वर्ष से कम आयु के स्नातकों को एक वर्ष का औपचारिक रोजगार, 30 लाख सरकारी नौकरियों को भरने की योजना और स्टार्टअप्स के लिए ₹5,000 करोड़ का विशेष फंड।
✅ महिलाओं के लिए: गरीब महिलाओं को ₹1 लाख की वार्षिक वित्तीय सहायता, सरकारी नौकरियों में 50% आरक्षण और हर जिले में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल की स्थापना।
✅ किसानों के लिए: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, कृषि ऋण माफी और कृषि उत्पादों पर जीएसटी समाप्ति।
✅ श्रमिकों के लिए: राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन ₹400 प्रतिदिन करना, सभी श्रमिकों के लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और शहरी रोजगार गारंटी योजना का प्रावधान।
प्रियंका गांधी वाड्रा का संसदीय प्रवेश: एक नया अध्याय
कांग्रेस पार्टी के लिए 2024 का सबसे महत्वपूर्ण घटनाक्रम रहा प्रियंका गांधी वाड्रा का प्रत्यक्ष चुनावी राजनीति में प्रवेश। उन्होंने केरल के वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की।
उनकी सक्रिय भागीदारी को कांग्रेस पार्टी के पुनरुद्धार के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस एक नई ऊर्जा प्राप्त कर सकती है और अगले चुनावों में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को चुनौती देने की बेहतर स्थिति में आ सकती है।
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन: एक युग का अंत
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का दिसंबर 2024 में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
डॉ. सिंह को भारत में 1991 के आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है, जिनके नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर नई ऊँचाइयाँ मिलीं। उनके निधन पर राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया, और उनके योगदान को भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में एक अमूल्य विरासत के रूप में याद किया गया।
कांग्रेस का भविष्य: क्या पार्टी फिर से उठेगी?
कांग्रेस पार्टी वर्तमान में आंतरिक संगठनात्मक सुधारों, जमीनी स्तर पर जनसंपर्क और डिजिटल युग में प्रभावी चुनावी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
पार्टी की सबसे बड़ी चुनौती मजबूत नेतृत्व स्थापित करना और युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करना है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जैसे युवा नेताओं के सक्रिय होने के साथ, कांग्रेस आने वाले वर्षों में राजनीतिक संतुलन को फिर से अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश करेगी।
बीजेपी के बढ़ते वर्चस्व और आम आदमी पार्टी (AAP) जैसी उभरती ताकतों के बीच कांग्रेस को अपनी विचारधारा को अधिक स्पष्टता और मजबूती के साथ प्रस्तुत करना होगा। यदि पार्टी अपनी रणनीति, संगठन और चुनावी गठजोड़ को प्रभावी तरीके से लागू कर पाती है, तो वह आने वाले चुनावों में एक मजबूत वापसी कर सकती है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक ऐसी पार्टी रही है जिसने भारत को स्वतंत्रता दिलाई, लोकतांत्रिक संस्थाओं को विकसित किया और आर्थिक सुधारों को गति दी। लेकिन वर्तमान में, पार्टी राजनीतिक अस्तित्व की चुनौती से जूझ रही है।
प्रियंका गांधी वाड्रा का सक्रिय राजनीति में प्रवेश और पार्टी का युवाओं, महिलाओं, किसानों और श्रमिकों पर केंद्रित घोषणापत्र कांग्रेस के पुनरुद्धार के संकेत दे सकते हैं। हालाँकि, क्या कांग्रेस वापसी कर पाएगी या विपक्ष की भूमिका तक सीमित रह जाएगी, यह आने वाले वर्षों में स्पष्ट होगा।
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